ध्येय सदा सवितृ मण्डलमध्यवर्ति, नारायण सरसिज़ासनसन्निविष्ट ।
केयूरवान मकर कुण्डलवानकिरीटी, हारी हिरण्मय वपूर्धृत शंख चक्र ॥
ॐ मित्राय नमः |
Om Mitraaya Namah |
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ॐ रवये नमः |
Om Ravaye Namah |
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ॐ सूयार्य नमः |
Om Suryaaya Namah |
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ॐ भानवे नमः |
Om Bhaanave Namah |
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ॐ खगाय नमः |
Om Khagaaya Namah |
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ॐ पूष्णे नमः |
Om Puushne Namah |
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ॐ हिरण्यगर्भाय नमः |
Om Hiranyagarbhaaya Namah |
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ॐ मरीचये नमः |
Om Mareechaye Namah |
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ॐ आदित्याय नमः |
Om Aadityaaya Namah |
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ॐ सवित्रे नमः |
Om Savitre Namah |
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ॐ अर्काय नमः |
Om Arkaaya Namah |
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ॐ भास्कराय नमः |
Om Bhaaskaraaya Namah |
ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः |
Om Shree Savitru Suurya Naaraayanaaya Namah |
आदित्यस्य नमस्कारान, ये कुर्वंन्ति दिने दिने । |
आयु प्रज्ञ बलं वीर्यम, तेज़स तेषां च ज़ायते ॥ |